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मशहूर शायरा श्यामा सिंह सबा जी के साथ एक संवाद

भाषा हमारे मनोभावों की अभिव्यक्ति का सबसे सशक्त माध्यम है।यह किसी की जागीर नही होती।विभिन्नता में एकता हमारे देश की विशेषता है और इसी विभिन्नता में भाषा गत विभिन्नता भी आती है। हमारी मातृभाषा हिंदी है परंतु इस मां का ह्रदय इतना विशाल है कि यह हर भाषा को आलिंगन बद्ध करके अपने अन्तस् में […]

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रूढ़ियों और परंपराओं को चुनौती देती शख़्सियत : शाबिस्ता बृजेश

  शांत लहरों को सुनामी में न परिवर्तित करें छोड़ दें यह ज़िद कि हम भी प्रेम परिभाषित करें…… सच में बहुत कठिन है, प्रेम को परिभाषित करना क्योंकि प्रेम के इतने रंग, इतने रूप होते हैं कि इसे सिर्फ अनुभव किया जा सकता है, शब्दों की सीमा में बांधना तो असंभव ही है। आज […]

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