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आगरा शिखर सम्मेलन में…..अग्निशेखर

बीते दिनों की घटनाएं और वर्तमान की पीड़ा बीते कुछ दिनों में हमने बहुत कुछ देखा और अभी भी हालात कुछ बहुत अच्छे नही हैं। आपलोग सब समझ ही रहे होंगे। पहलगाम हादसे ने हमें अंदर तक झकझोर दिया। कोई शब्द ही नही रहा उस क्रूरता, बर्बरता, नृशंसता को कहने के लिए। हम सब जैसे […]

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भारतीय संस्कृति और परंपराओं का सम्मान: एक गहन चिंतन

भारतीय संस्कृति पर गर्व: सम्मान और समर्पण भारतीय संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करना हमारा नागरिकता का प्रतीक है। यही हमारी विशेषता है कि हमारी संस्कृति ने समय के साथ अपनी महानता और समृद्धि को संरक्षित रखा है। हमें गर्व है अपने धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत पर, जिसे हमने पीठ पीछे से उत्ताप किए बिना […]

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स्वर्णज्योति : ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक

“स्वर्ण ज्योति जी का साहित्यिक दीपक सदैव प्रकाश फैलाता रहेगा….. – कमल किशोर राजपूत ‘कमल’ 16 अक्टूबर को लखनऊ से भावना घई का अचानक फोन आया कि स्वर्ण ज्योति जी से मिल लें उन्हें अच्छा लगेगा। स्वर्ण ज्योति जी कैंसर जैसी घातक व्याधि की चौथी स्टेज से गुज़र रही थीं। भावना की बातों में भावनाओं […]

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तेलंगाना के जंगलों पर संकट : सिराजुद्दीन जी की चुभती चेतावनी

विवाद का परिचय – हैदराबाद में 400 एकड़ में फैले कांचा गचीबावली जंगल को काट देने को लेकर बहुत विवाद उत्पन्न हो गया है,जिसमें पर्यावरण, राजनीति और कानून शामिल हैं। हमारे चुभन के दर्शक क्योंकि भली प्रकार जानते हैं कि हमारे साथ दक्षिण भारत से बहुत से विद्वान वक्ता जुड़े हुए हैं, इसलिए आज हमने […]

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नई करवट लेती नारी अस्मिता

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस: नारी अस्मिता की नई पहचान की ओर एक कदम महिला दिवस: एक दिन क्यों? सवाल जो चुभते हैं आज “अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” (International Women’s Day) है। मेरे ख्याल से किसी को भी बताने की ज़रूरत ही नही है क्योंकि प्रिंट मीडिया,सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जहाँ भी देखिये आज तरह-तरह के कार्यक्रम,सन्देश […]

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हाइगा की दुनिया में सत्या सिंह जी की यात्रा

आप सभी डॉ. सत्या सिंह जी से भली भांति परिचित हैं। आपने जिन विषयों या जिन मुद्दों पर अपनी लेखनी उठाई, उनके बारे में यही कहना पड़ेगा कि आपके चिंतन को, आपके लेखन को नमन है। गहन-गंभीर विषयों पर उनके विचारों से हम आपको अवगत करवाते ही रहते हैं। आज उनका संवेदनशील कवयित्री वाला रूप […]

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महाकुंभ: एक महापर्व की महिमा

महाकुंभ: एक महापर्व, एक भावना — ‘चुभन’ के संग देशभर से जुड़े स्वर महाकुंभ एक महापर्व है, एक ऐसा पर्व, जिसमें देश, दुनिया, दूर पास कुछ रहा ही नही। हर व्यक्ति प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष, किसी न किसी रूप से इस महापर्व का हिस्सा बना ही। हमने भी “चुभन” से इस महापर्व पर कुछ कार्यक्रम प्रस्तुत […]

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ग्रीन हायड्रोजन : वरदान या अभिशाप

प्रकृति और हमारी संवेदनाएं प्रकृति से हमें अनंत कल्पनाएं और असीम प्रेरणाएं मिलती हैं, परंतु आज के रोबोटिक युग में शायद हमारी संवेदनाएं कहीं गुम होती जा रही हैं, तभी प्रकृति भी जैसे हमसे रूठती जा रही है। हम तो उस देश के वासी हैं जहां प्रकृति के कण-कण में हम एक चेतना, एक प्रवाह […]

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रूठती नदियां और तड़पता सागर

आप सब जानते ही हैं कि ‘देवभूमि’ उत्तराखंड से टिहरी के विधायक माननीय किशोर उपाध्याय जी ने गंगा सहित सभी पवित्र नदियों, हिमालय और समुद्र को बचाने के लिए एक मुहिम चला रखी है, उनके इस सफर में “चुभन परिवार” भी उनके साथ है और इसी श्रृंखला में आज पुनः हमने एक संवाद का आयोजन […]

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हिमालय बचाओ-गंगा बचाओ अभियान : एक महत्वपूर्ण कदम

हिमालय बचाओ-गंगा बचाओ अभियान एवं वनाधिकार आंदोलन के प्रणेता किशोर उपाध्याय जी की महाकुंभ यात्रा – विधायक किशोर उपाध्याय जी, आज से हिमालय बचाओ-गंगा बचाओ अभियान के तहत माघी पूर्णिमा के अवसर पर प्रयाग राज के लिए प्रस्थान कर रहे हैं। उपाध्याय जी ने कहा है कि जिस तरह हिमालय पर परिस्थितियां बन रही हैं, […]

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