महिलाएं ही क्यों उपहास का पात्र?
जिस समाज में ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः’,या ‘औरत तो दुर्गा है’ और ऐसी ही बहुत-सी उपमाओं से नारी […]
जिस समाज में ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः’,या ‘औरत तो दुर्गा है’ और ऐसी ही बहुत-सी उपमाओं से नारी […]
लोकहित तथा लोक-धर्म के कट्टर समर्थक गोस्वामी तुलसीदास जी के नाम को,ऐसा कोई भी नहीं होगा जो न जानता हो।कलयुग
विश्व में हर धर्म में अनेक संत हुए हैं।संतों के वचन अनमोल होते हैं और कुछ ही शब्दों में गहरी
15 अगस्त 1947 को लम्बी पराधीनता के बाद भारत को स्वतंत्रता का वरदान मिला।इस वर्ष हम आज़ादी की 73वीं वर्षगांठ
अगस्त का महीना और भारतीय इतिहास में उसका महत्व अनुच्छेद 370 का हटना – एक असंभव को संभव बनाने की
ज़रा-सी आहट पर चंद्रशेखर जी की नींद टूट गई।कुछ समय तो उन्होंने शून्य में रहकर दूसरी आवाज़ आने की प्रतीक्षा