महिला सम्मान की प्रतीक पुलिस अधिकारी डॉ. सत्या सिंह जी से एक विशेष मुलाक़ात
” उसने फेंके मुझ पर पत्थर और मैं पानी की तरह और ऊंचा,और ऊंचा और ऊंचा उठ गया।” प्रसिद्ध कवि […]
” उसने फेंके मुझ पर पत्थर और मैं पानी की तरह और ऊंचा,और ऊंचा और ऊंचा उठ गया।” प्रसिद्ध कवि […]
विभिन्न काल के रूप में समय का बदलना अनिवार्य एवं स्वाभाविक प्रक्रिया है। इसे हमारी मजबूरी समझिए या नियति। जो
साहित्य को हम देश काल या भाषा की हदों से नहीं बांध सकते।भाषा कोई भी हो,यदि सृजन अच्छा हुआ है
आप सभी को ,वैश्विक पटल पर हिंदी के विशेष उत्सव,’विश्व हिंदी दिवस’ की हार्दिक शुभकामनाएं। 10 जनवरी 2006 से इस
– मेजर जनरल ए.के. शोरी जी के शब्द वैश्विक महामारी कोरोना हमारे जीवन में अचानक ही नहीं आ गयी।वास्तव
“मैं अतीत को सिर्फ वर्तमान की प्रेरणा मानता हूं।सुनाने के लिए ज़्यादा कुछ भी नहीं है।मेरा मानना है कि अतीत
हेमंत में बहुधा घनों से पूर्ण रहता व्योम है पावस निशाओं में तथा हंसता शरद का सोम है हो जाए
“समस्या एक मेरे सभ्य नगरों और ग्रामों में सभी मानव सुखी,सुंदर व शोषण मुक्त कब होंगे?” सुशासन की आस लगाए
जग पीड़ित है अति दुख से जग पीड़ित है अति सुख से मानव-जीवन में बंट जाए सुख-दुख से,दुख-सुख से। -सुमित्रा
हरिवंशराय बच्चन जी का जन्म आज ही के दिन यानि 27 नवंबर 1907 को प्रयाग (इलाहाबाद) के पास प्रतापगढ़ जिले
संत कवि कबीरदास, मलिक मोहम्मद जायसी,तुलसीदास,छायावाद के प्रवर्तक कवि जयशंकर प्रसाद और सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी मेरे सबसे प्रिय कवि
कविवर #जयशंकर_प्रसाद साहित्य के उन अमर रचनाकारों में से एक हैं, जिन्होंने देवी सरस्वती के पावन मंदिर में अनेक श्रद्धा
लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता के पिलर अर्णव गोस्वामी को आज जिस तरह माननीय सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली
“संस्कृतं नाम दैवी वाग् अन्वाख्याता महर्षिभिः”। महर्षियों ने संस्कृत को ‘देववाणी’ कहा है।ऐसी हमारी ‘देववाणी’ की आज क्या दशा है,
स्वर कोकिला,भारत रत्न लता मंगेशकर सिर्फ हमारी फिल्म इंडस्ट्री की एक महान गायिका ही नहीं अपितु सुरों की देवी हैं
हिंदी साहित्य के क्रांतिदर्शी कवि,अपनी कविता से हृदय को झकझोर देने वाले प्रमुख लेखक, कवि व निबंधकार आधुनिक युग के
” दिया क्यों जीवन का वरदान? इसमें है स्मृतियों का कंपन,सुप्त व्यथाओं का उन्मीलन, स्वप्नलोक की परियां इसमें,भूल गईं मुस्कान!
“हिम्मत करे इंसान तो क्या हो नहीं सकता वह कौन सा उक़दा है जो हो नहीं सकता तदबीर अगर चाहे
लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार नहीं होती। पंडित सोहनलाल द्विवेदी जी की यह
मेरे सभी पाठकों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।इस बार जिस तरह से हमको यह दिवस मनाना पड़ रहा है,
मैंने अपने पॉडकास्ट के इस पहले एपिसोड में उसका परिचय दिया है।मेरे बहुत सारे पाठकों/श्रोताओं ने पॉडकास्ट(Podcast) का नाम सुना
जन्मभूमि के लिए प्रभु श्री राम का पांच सौ वर्षों का बनवास आज खत्म हो रहा है।पांच सदियों का यह
हमारी भारतीय संस्कृति इतनी विशाल है कि उसका प्रत्येक कार्य चाहे उपवास हो, पूजन हो, ध्यान हो अथवा सामाजिक कार्य
कल रात में जैसे ही बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन के कोरोना कोविड-19 से संक्रमित होने की खबर सोशल मीडिया
ॐ अज्ञानतिमिरान्धस्य ज्ञानाञ्जनशलाकया। चक्षुरुन्मीलितं येन तस्मै श्री गुरुवे नमः।। आज आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा के नाम
सुशांत सिंह राजपूत की असामयिक मौत ने सबको दुखी किया है लेकिन एक इतने जीवंत कलाकार का इस तरह शांत
5 जून को पूरे विश्व में पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।यह दिवस पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिए ही
हर कोई आज कोरोना कोविड-19 के डर के साये तले जीने को मजबूर है लेकिन उसकी मजबूरी को दूर करने
आजकल सभी के दिन ऐसे गुज़र रहे हैं जैसे हम सब कोई बुरा स्वप्न देख रहे हों और ऐसी इच्छा
‘तेरे चेहरे से नज़र नहीं हटती,नज़ारे हम क्या देखें’-वास्तव में यह गाना हम सबके चहेते कलाकार ऋषि जी ने गाया