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विराट अनुभूति : डॉक्टरी जीवन का पहला अध्याय

  विराट अनुभूति एक ऐसी अवस्था है जहां हम स्वयं को विश्व के साथ जुड़ा हुआ महसूस करते हैं। यह एक ऐसी पवित्र और दिव्य अनुभूति है, जिसमें हम अपने छोटे-छोटे संकटों और चिंताओं को भूलकर जीवन की विशालता और सुंदरता को देखते हैं। सेवा और सहयोग से हम अपने आप को दूसरों के साथ […]

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टूटता पिघलता हिमालय और सूखती गंगा

  भारत की धरती पर दो ऐसे स्थल हैं जो न केवल प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व भी रखते हैं – गंगा नदी और हिमालय पर्वत। ये दोनों भारत की आत्मा और संस्कृति के स्तंभ हैं, जो सदियों से लोगों को आकर्षित करते हैं। गंगा नदी – गंगा […]

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प्लास्टिक खाने वाले बैक्टीरिया : पर्यावरण संरक्षण का नया अवसर

समुद्र में प्लास्टिक खाने वाले बैक्टीरिया की खोज पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। ये “प्लास्टिक-खाने वाले बैक्टीरिया” या “पॉलीमर-डिग्रेडिंग बैक्टीरिया” के रूप में जाने जाते हैं। ये बैक्टीरिया समुद्र, नदियों, और जलाशयों में प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में मदद करते हैं, जिससे पर्यावरण संतुलन बेहतर होता है। इसके अलावा, यह पर्यावरण […]

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पितृपक्ष 2024: पूर्वजों के प्रति श्रद्धांजलि और आज के समाज के लिए इसका महत्व

भारतीय संस्कृति में पितृपक्ष एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हमारे पूर्वजों के प्रति सम्मान और श्रद्धांजलि का प्रतीक है। यह त्योहार हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है, जो सामान्यतः सितंबर या अक्टूबर माह में पड़ता है। इस वर्ष यह पक्ष 18 सितंबर 2024 से आरंभ होकर 2 अक्टूबर 2024 तक […]

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भारतीय त्योहारों और ऋषियों की परंपरा का वैज्ञानिक आधार

– डॉ. नारदी जगदीश पारेख “आदिम संस्कृती का द्योतक,भारत मेरा देश है।आर्ष दृष्टा ऋषियों का पूजक,भारत मेरा देश है। वेद पुराणों का सर्जक,भारत मेरा देश है।सारे विश्व का पथ प्रदर्शकभारत मेरा देश है।” ऋषियों का योगदान: प्रकृति और स्वास्थ्य का संगम – “वसुधैव कुटुंबकम” की भावना को छोटी-छोटी क्रिया द्वारा जीवन से जोड़ दिया है। […]

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शिक्षक दिवस : ज्ञान और प्रेरणा का उत्सव

-डॉ. श्रीलता सुरेश   स्वतंत्र भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी थे।स्वतंत्रता के बाद देश को आधुनिक शिक्षा की दिशा में आगे ले जाने में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर शिक्षक के रूप में की थी। एक अध्यापक होने के […]

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ठाकुर जी के प्रति समर्पण: एक साधारण जीवन की असाधारण यात्रा

  मानो या न मानो, विश्वास करो या न करो…..एक बार पढ़ो अवश्य – डॉ. बी.सी.गुप्ता   मेरी बाल्यावस्था का परिचय जन्म और परिवेश मेरा जन्म 1930 में हुआ। उस समय भारत में अंग्रेज़ों का शासन था। मैं नॉर्थ प्रॉविंसेज़ आगरा एंड अवध, यानी आज के उत्तर प्रदेश, के एक छोटे कस्बे से हूँ। यह […]

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अक्कामहादेवी : नारी स्वातंत्र्य और भक्ति की प्रतीक

  – डॉ. श्रीलता सुरेश अक्कामहादेवी (1120-1160 ई.) एक प्रमुख कर्नाटक भक्ति संत और कवयित्री थीं, जिन्हें भक्ति आंदोलन में विशेष स्थान प्राप्त है। वे वीरशैव (लिंगायत) संप्रदाय की महत्वपूर्ण नेत्री और कवयित्री थीं। उनकी कविताएँ और भजन उनके गहरे आध्यात्मिक अनुभव और ईश्वर के प्रति उनकी भक्ति को दर्शाते हैं। जीवन की प्रमुख घटनाएँ […]

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“संस्कृत दिवस: मृदुल कीर्ति जी की अद्वितीय साहित्यिक यात्रा”

हमारे देश में प्रतिवर्ष श्रावणी पूर्णिमा के पावन अवसर को “संस्कृत दिवस” के रूप में मनाया जाता है। श्रावणी पूर्णिमा अर्थात् रक्षा बन्धन का पावन पर्व भी इसी दिन होता है और यह ऋषियों के स्मरण तथा पूजा और समर्पण का पर्व माना जाता है। वैदिक साहित्य में इसे “श्रावणी” कहा जाता था। इसी दिन […]

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अनिल रस्तोगी जी : एक जीवन जो कला और विज्ञान को मिलाता है

  हर इंसान कोई न कोई विशेषता या ख़ासियत लेकर ही जन्म लेता है, यह अलग बात है कि हममें से बहुत से लोग अपनी इन विशेषताओं को उजागर ही नहीं कर पाते और यह खासियत दबी ही रह जाती है लेकिन कुछ लोग अपनी इन विशेषताओं के कारण ही विशिष्ट बन जाते हैं और […]

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