स्त्री त्रासदी का यथार्थ रूप भाग 1
स्त्री त्रासदी के यथार्थ रूप को शब्द देने वाली लेखिका ममता कालिया जी की किताब ‘बोलने वाली औरत’ की कुछ […]
स्त्री त्रासदी के यथार्थ रूप को शब्द देने वाली लेखिका ममता कालिया जी की किताब ‘बोलने वाली औरत’ की कुछ […]
शीर्षक पढ़कर आप सोच रहे होंगे कि मेरा इशारा किस ओर है तो दोस्तों आज पूरा दिन राजनीतिक हलकों में
आज विश्व के सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देश भारत के लिए बहुत ही शुभ दिन है जब इतने अधिक बहुमत के
जैसा कि मैं पहले भी कई बार लिख चुकी हूँ और फिर आज एक बार लिख रही हूँ कि मेरी
तेरहवीं सदी में कहानी कहने की एक कला के रूप में जिस विधा का सबसे अधिक प्रसार हुआ, वह थी
हम भारत देश के लोग नैतिकता की,चरित्र की या अपने धार्मिक प्रेम की जितनी भी बातें कर लें लेकिन आज
चुनावी माहौल में आजकल चाहे हम न्यूज़ पेपर पढ़ें या किसी भी टी.वी.चैनल पर डिबेट देखें,बस हर तरफ आरोपों-प्रत्यारोपों का