“संस्कृत दिवस:मृदुल कीर्ति जी की अद्वितीय साहित्यिक यात्रा”
हमारे देश में प्रतिवर्ष श्रावणी पूर्णिमा के पावन अवसर को “संस्कृत दिवस” के रूप में मनाया जाता है। श्रावणी पूर्णिमा […]
हमारे देश में प्रतिवर्ष श्रावणी पूर्णिमा के पावन अवसर को “संस्कृत दिवस” के रूप में मनाया जाता है। श्रावणी पूर्णिमा […]
आस्था और संस्कृति का संघर्ष: क्या खोती जा रही है भारतीयता – अजय “आवारा” राष्ट्र निर्माण की बुनियाद क्या
पूरी दुनिया जानती है कि 22 जनवरी 2024 को प्रभु राम, अयोध्या की पवित्र भूमि में उसी जगह विराजेंगे, जो
ð मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह जी के साथ मेरे संवाद को इस वीडियो में सुनें। आज मैंने जायस, जो कि
चुभन के पाठकों को “हिंदी-दिवस” की हार्दिक शुभकामनाएं। हिंदी का वैश्विक महत्व और बढ़ता प्रभाव हिंदी हमारी राजभाषा है अतः
आप सब जानते ही हैं कि चुभन पर हमारा प्रयास यह रहा है कि साहित्य, कला और संस्कृति के आधार
वेदकुमारी घई जी को श्रद्धांजलि – इस वर्ष 30 मई को पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध शिक्षाविद और संस्कृत की प्रोफेसर
हमारी सोच को नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाली कला हमारी सोच को एक अनदेखे मुक़ाम तक ले जाने वाली,
पद्मश्री कलीमुल्लाह खान साहब के साथ कुछ पल….. आज मैं जिनसे आपको मिलवाने जा रही हूं, वे हैं मैंगो
हमारे हर पर्व-त्यौहार का अपना अलग ही महत्व है।साल के बारह महीने के हिसाब से भी इनका अलग-अलग महात्म्य होता
ऐसा माना जाता है, कि साहित्यकार समाज का पथ प्रदर्शक होता है। गूढ़ विषयों को सरल मानदंड लेकर आम आदमी
कवि की पहचान, कवि की कलम से- -कमल किशोर राजपूत सर्वप्रथम
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एवं होली विशेष ✍?अपनी साँसों में मेरी, धड़कनें समाये हुए। ✍?वजूद अपना ही खुद,दाँव पे लगाये
परिवार की परिभाषा – आमतौर पर, हमें लगता है कि परिवार रिश्तो का बंधन है। परिवार रिश्तों में कर्तव्य
“कतरा था एक फिर भी समंदर लिखा गया , रहजन को इतिहास में रहबर लिखा गया, एकलव्य का अंगूठा सुनो
परिचय – लिंगायत मत भारतवर्ष के प्राचीनतम सनातन हिन्दू धर्म का एक हिस्सा है। इस मत के ज्यादातर अनुयायी दक्षिण
दीवावली पर्व की शुभकामनाएं – उल्लास और समृद्धि के महापर्व दीपावली की मेरे सभी पाठकों को हार्दिक बधाई।ईश्वर हम सबको
आज हम बंगलुरू की डॉ. इंदु झुनझुनवाला जी के बारे में बात करेंगे, जो कि एक कवयित्री, साहित्यकार, समीक्षक, कलाकार
हिंदी की विकास यात्रा – पारंम्परिक तौर पर हम हिंदी दिवस प्रतिवर्ष मनाते हैं। सवाल यह है कि इतने
किन्नर समुदाय – किन्नर, वह समुदाय, जिसे शायद समाज अपना हिस्सा मानता ही नहीं है। पता नहीं, हम क्यों
युग-युग के प्रतिनिधि : श्री राम श्री राम एक युग विशेष के प्रतिनिधि न होकर, युग-युग के प्रतिनिधि हैं।उनका
होली, एक पर्व मात्र नहीं, बल्कि जीवन-दर्शन भी है।होली के रंग तो एक दिन में उतर जाते हैं।क्या जीवन के
‘द कश्मीर फाइल्स’ फ़िल्म देखकर,जो कुछ मैंने महसूस किया, वह ज़िन्दगी में पहली बार हुआ।मेरा दिमाग सुन्न हो चुका था,
International Women’s Day special : Part – 4 विश्व-पटल पर नारी और कश्मीर-दर्शन – डॉ. अग्निशेखर मैं