मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह जी से मुलाक़ात

👆 मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह जी के साथ मेरे संवाद को इस वीडियो में सुनें। आज मैंने जायस, जो कि […]

👆 मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह जी के साथ मेरे संवाद को इस वीडियो में सुनें।

आज मैंने जायस, जो कि तिलोई विधानसभा क्षेत्र में आता है, वहां के विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री राजा मयंकेश्वर शरण सिंह जी से मुलाकात की। आप उत्तर प्रदेश सरकार में चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, संसदीय कार्य, परिवार कल्याण तथा मातृ एवं शिशु कल्याण मंत्री हैं। जायस की भूमि इतनी पावन पवित्र है क्योंकि वह गोरखनाथ जी की भूमि है, जहां कहते हैं कि उनका आगमन प्रत्येक वर्ष होता था और उसके साथ ही साथ विश्व प्रसिद्ध सूफी कवि मलिक मोहम्मद जायसी जी की कर्मभूमि भी है।

हमारा देश : अनेकता में एकता की मिसाल – 

चुभन के साथ कश्मीर से लेकर दक्षिण भारत के राज्यों के विद्वान विदुषी वक्ता जुड़े हुए हैं। उन लोगों के साथ संवाद करके हमें बहुत से विषयों पर जानकारी मिलती है और यह एहसास होता है कि हमारा भारत सच में अनेकता में एकता की मिसाल है।

तिलोई महल | Tiloi Palace

 

योगिराज मत्स्येंद्रनाथ जी –

कश्मीर के विद्वान वक्ताओं से संवाद करके हमें यह जानकारी मिली कि गुरु गोरखनाथ जी के गुरु, योगिराज मत्स्येंद्रनाथ जी ने सम्पूर्ण भारत ही नहीं अपितु कश्मीर के शैवों पर भी बहुत उपकार किया। गुरु गोरखनाथ जी ने उस परंपरा को एक विशिष्ट स्थान दिलाया। योगिराज मत्स्येंद्रनाथ द्वारा विरचित “कौल ज्ञान निर्णय” ग्रंथ से यह स्पष्ट हो जाता है कि कश्मीर के कौलों की और नाथ सम्प्रदाय, दोनों में गुरु और सिद्धांत की एक परंपरा है। आचार्य अभिनवगुप्त, जो कश्मीर शैव दर्शन के कीर्ति-स्तंभ हैं, उन्होंने तंत्रलोक में योगिराज मत्स्येंद्रनाथ को गुरु स्वरूप मानकर प्रणाम किया है।

 

जायस की पवित्र भूमि का महत्व –

इसलिए जायस हम सबके लिए किसी तीर्थ से कम नहीं और वहां के विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री माननीय मयंकेश्वर शरण सिंह जी से बात करके मुझे बहुत ही प्रसन्नता और संतुष्टि की अनुभूति हुई क्योंकि उन्होंने बहुत ही स्नेह और सम्मान से आप सब विद्वानों को यहां आमंत्रित किया है और मेरे से बात करते हुए कहा है कि आप सब विद्वद्जनों का स्वागत है, यहां आएं और शोध करें, जिससे आगे आने वाले लोगों के लिए नए मार्ग प्रशस्त हों।

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