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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस विशेष:श्रृंखला-4

International Women’s Day Special:Part-4

परंपरा एवं आधुनिकता का सशक्त हस्ताक्षर-डॉ. शशि तिवारी जी

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) के अवसर पर जिस शख़्सियत को ‘चुभन’ आमंत्रित कर रहा है, वे हैं डॉ. शशि तिवारी जी, जिनके व्यक्तित्व को शब्दों में नहीं बांधा जा सकता।हम कहाँ से लाएंगे वह अर्थ, जो उनके समकक्ष खड़े हो सकें? साहित्य में आपके योगदान को कहने की कोशिश करना, ईश्वर के आशीर्वाद को पलकों में भर लेने के समान है, जो सूक्ष्म तो है परंतु उनके दायरे को नापने का माप नहीं बना है।
आपको संस्कृत में समग्र योगदान के लिए भारत के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति सम्मान प्राप्त हो चुका है।

आपने एम॰ए॰, पीएच॰डी॰ (संस्कृत), जर्मन प्रोफिशिंयनसी (लखनऊ विश्वविद्यालय) से किया। एसोसिएट प्रोफेसर, संस्कृत, मैत्रेयी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, नयी दिल्ली में अध्यापन कार्य किया।
विशेष अध्ययन-क्षेत्र : वेद, उपनिषद्, संस्कृत-साहित्य, भारतीय संस्कृति, धर्म और दर्शन।

आपको मिले सम्मान एवं पुरस्कारों की बात की जाए तो गर्व होता है।कुछ का विवरण-

• भारती मिश्र पुरस्कार (अखिल भारतीय पुरस्कार), 1989, राजस्थान संस्कृत अकादमी, जयपुर (ऋग्वेदीय आप्रीसूक्त नामक पुस्तक पर).
• अखिल भारतीय मौलिक संस्कृत साहित्य रचना पुरस्कार (अखिल भारतीय पुरस्कार), 1994, दिल्ली संस्कृत अकादमी, दिल्ली (सूर्यदेवता नामक पुस्तक पर).
• संस्कृत शिक्षक पुरस्कार (विश्वविद्यालयीय उत्तम शिक्षक), 1994-1995, दिल्ली संस्कृत अकादमी, दिल्ली.
• संस्कृत साहित्य पुरस्कार (अखिल भारतीय पुरस्कार), 1995, उत्तरप्रदेश संस्कृत संस्थान, लखनऊ (सूर्यदेवता नामक पुस्तक पर).
• संस्कृत साहित्य पुरस्कार, 1996, उत्तरप्रदेश संस्कृत संस्थान, लखनऊ (संस्कृतलोकोक्तिकोष नामक पुस्तक पर).
• राष्ट्रीय हिंदी सेवी सहस्त्राब्दी सम्मान, 2000, सहस्त्राब्दी विश्व हिंदी सम्मेलन, दिल्ली।
• संस्कृत साहित्य पुरस्कार, 2000, उत्तरप्रदेश संस्कृत संस्थान, लखनऊ (ऋग्वैदिक अध्ययन नामक पुस्तक पर).
• सर्जना पुरस्कार, 1999, उत्तरप्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ (संस्कृत साहित्य का इतिहास नामक पुस्तक पर)।
• संस्कृत समाराधक सम्मान, 2004, 2005, 2007, दिल्ली संस्कृत अकादमी, दिल्ली।
• विश्व वेद संघ सेवा सम्मान, 2004, मेरीलैंड युनिवर्सिटी, वाशिंगटन डी.सी., अमेरिका।
• संस्कृत साहित्य सेवा सम्मान, (दिल्ली संस्कृत अकादमी का विशेष पुरस्कार), 2006, दिल्ली संस्कृत अकादमी, दिल्ली।
• विश्व वेद संघ सेवा सम्मान, 2006, होस्टन युनिवर्सिटी, होस्टन, अमेरिका।
• विशिष्ट पुरस्कार, 2007 (संस्कृत में समग्र योगदान पर), उत्तरप्रदेश संस्कृत संस्थान, लखनऊ, वर्ष 2010 मई में लखनऊ में समारोहपूर्वक प्रदत्त।
• महिला रत्न पुरस्कार, 2014 मार्च, विश्व मित्र परिवार, पर्यावरण सुरक्षा के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संस्थान द्वारा प्रदत्त।
• राष्ट्रपति सम्मान,(संस्कृत में समग्र योगदान पर राष्ट्रपति द्वारा प्रदत्त।
• वेद सेवा सम्मान, वेव्स अमेरिका, 2016 द्वारा दिल्ली में प्रदत्त।
• वेद सेवा पुरस्कार, 2016, (वेद में समग्र योगदान के लिए), नाद वेद अध्ययन केंद्र, बैंगलोर द्वारा प्रदत्त।
शोध-कार्य:
• एम॰ए॰ में ऋग्वेदीय आप्रीसूक्त विषय पर एक शोधप्रबंध लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रस्तुत।
• पीएच॰डी॰ के लिए ऋग्वेदीय सूर्यसूक्त और संस्कृत के सूर्यपरक स्तोत्रकाव्य विषय पर लखनऊ विश्वविद्यालय से शोध, 1968 में लखनऊ विश्वविद्यालय से पीएच०डी० उपाधि।
पोस्ट-डाक्टोरल यू.जी.सी. रिसर्च प्रोजेक्ट : ऋग्वेद का अर्थशास्त्रीय अध्ययन, 1985-1987। पोस्ट-डाक्टोरल यू.जी.सी. रिसर्च प्रोजेक्ट : वैदिक व्याख्यापद्धति, 1999-2001।
आपने ऑरलेंडो, अमेरिका में स्थित हिन्दू युनिवर्सिटी ऑफ़ अमेरिका में चार माह (मार्च 2002 से जून 2002 तक) विजिटिंग प्रोफेसर के पद पर कार्य किया, और अभी भी एडजंट फैकल्टी सदस्य हैं ।

आपने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय शोधसम्मेलनों में प्रस्तुतियां भी दीं-

वर्ष 1967 से ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर के वैदिक और संस्कृत सम्मेलनों में, एवं भारत में हो रहे अंतर्राष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय वैदिक और संस्कृत सम्मेलनों में भागीदारी और पत्र प्रस्तुत करना । जैसे—अखिल भारतीय प्राच्यविद्या सम्मेलन (ग्यारह), उज्जैन कालिदास समारोह (तीन), एवं देश के कई विश्वविद्यालयों तथा अकादमियों के सम्मेलन । अब तक लगभग एक सौ बाईस (122) स्थानीय सम्मेलनों में , लगभग सत्तर (90) राष्ट्रीय सम्मेलनों में, तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सैतालिस(47) सम्मेलनों में भाग-ग्रहण कर चुकी हैं।

विशिष्ट व्याख्यान:
भोपाल, लखनऊ, सीकर, दिल्ली, अमेरिका, दिल्ली विश्वविद्यालय के कई महाविद्यालय आदि के अनेक संस्थानों में विशिष्ट व्याख्यान दिए ।

आकाशवाणी रेडियो पर नाटक और वार्ताएं भी समय समय पर प्रसारित होती रहती हैं।

आपकी प्रकाशित पुस्तकें – (36)-
• ऋग्वेदीय आप्रीसूक्त, भारतीय विद्याप्रकाशन, दिल्ली, 1981, प्राक्कथन- प्रोफेसर रसिकबिहारी जोशी, पृष्ठ 20+344.
• मुण्डकोपनिषद्, मेहरचंद लक्ष्मणदास, नयी दिल्ली, 1981, प्राक्कथन- प्रोफेसर सत्यव्रत शास्त्री, पृष्ठ 20+104.
• ईशावास्योपनिषद्, भारतीय विद्याप्रकाशन, दिल्ली, 1986, पृष्ठ 49 +128.
• भारतीय धर्म और संस्कृति, संपादित, मैत्रेयी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, 1986, प्राक्कथन- डॉ॰ लोकेशचन्द्र, पृष्ठ 68.
• सूर्यदेवता- वैदिक और वेदोत्तर संस्कृत सूर्यस्तुतियों में, मेहरचंद लक्ष्मणदास, दिल्ली, 1994, प्राक्कथन-डॉ॰ कर्णसिंह, पृष्ठ 22+318.
• संस्कृत-लोकोक्ति-कोष, प्रकाशन विभाग, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, दिल्ली, 1996, प्राक्कथन- डॉ॰ कर्णसिंह, पृष्ठ 20+175
• उपनिषदों की बोधकथाएँ, मेहरचंद लक्षमणदास, नई दिल्ली, 1997, प्राक्कथन- डॉ॰ रामकरण शर्मा, पृष्ठ 72.
• उपनिषद् खंड, संस्कृतसूक्तिसमुच्चय, दिल्ली संस्कृत अकादमी, दिल्ली, 1998, पृष्ठ 164.
• संस्कृत साहित्य का इतिहास, भारतीय विद्याप्रकाशन, दिल्ली, 1999, प्राक्कथन- प्रोफेसर अवनीन्द्र कुमार, पृष्ठ 220.
• ऋग्वैदिक अध्ययन, वेंकटेश प्रकाशन, दिल्ली, 1999, प्राक्कथन- पद्मभूषण आचार्य बलदेव उपाध्याय, पृष्ठ 20 + 400.
• होमेज टू द सन (इंग्लिश), द टैम्पल ऑफ अण्डरस्टैंडिंग, नई दिल्ली, 2001, प्राक्कथन- डॉ॰ कर्णसिंह, पृष्ठ 64.
• वैदिक वाङ्मय : एक झलक, अनूदित- डॉ॰ किरीट जोशी की पुस्तक ‘ग्लिमसस ऑफ वैदिक लिटरेचर’, स्टैंडर्ड पब्लिशर्स, दिल्ली, 2002, पृष्ठ 160.
• वैदिक अध्ययन (वैदिक स्टडीज़) (हिन्दी और इंग्लिश में), न्यू भारतीय बुक कोर्पोरेशन, दिल्ली, 2004, प्राक्कथन- डॉ॰ किरीट जोशी, पृष्ठ 16+376.
• वैदिक ऋषि दीर्घतमा (संपादित), (हिन्दी एवं इंग्लिश में), विद्यानिधि प्रकाशन, दिल्ली, 2005, प्राक्कथन-डॉ॰ वाचस्पति उपाध्याय, पृष्ठ 200.
• संस्कृतपाठ्यसंकलन, (दिल्ली विश्वविद्यालयीय बी॰ए॰ द्वितीयवर्षीय पाठ्यक्रमानुसार), विद्यानिधि प्रकाशन, दिल्ली, 2005, पृष्ठ 350.
• केनोपनिषद्, विद्यानिधि प्रकाशन, दिल्ली, 2006, पृष्ठ 150.
• ग्लिम्प्स्स ऑफ वैदिक एंड एशियन्ट इंडियन सिविलाइजेशन, न्यू भारतीय बुक कारपोरेशन, दिल्ली, 2006, पृष्ठ 232, प्राक्कथन- प्रो॰ जी॰सी॰ त्रिपाठी.

• राष्ट्रीयता एवं भारतीय साहित्य, विद्यानिधि प्रकाशन, दिल्ली 2006, पृष्ठ 224.
• मुक्तक काव्य खंड, संस्कृतसूक्ति समुच्चय, दिल्ली संस्कृत अकादमी, दिल्ली 2008, पृष्ठ 397.
• Contemporary World Order : A Vedic Perspective (Edited in English), Ancient Indian Literary Heritage, Vol. 1, Pratibha Prakashan, Delhi, 2009, pp. 250.
• Harappan Civilization and Vedic Culture (Edited in Hindi, English and Sanskrit), Ancient Indian Literary Heritage Vol. II, Pratibha Prakashan, Delhi, 2010, pp. 350.
• गीताविमर्श, गीता के दूसरे अध्याय का अध्ययन और भूमिका, विद्यानिधि प्रकाशन, दिल्ली, 2010, पृष्ठ 128.
• Creation and Existence in Indian Tradition (edited in English and Sanskrit), Ancient Indian Literary Heritage Vol. III, Pratibha Prakashan, Delhi, 2011, pp. 192.
• भारतीय परंपरा में सृष्टि एवं स्थिति (हिन्दी में संपादित), Ancient Indian Literary Heritage Vol. IV, Pratibha Prakashan, Delhi, 2011, pp. 232.
• संस्कृतनाट्यसंकलन,( हिंदी एवं संस्कृत में), दिल्ली विश्वविद्यालयीय, बी॰ए॰ द्वितीयवर्षीय पाठ्यक्रमानुसार), विद्यानिधि प्रकाशन, दिल्ली, 2013, पृष्ठ 220.
• संस्कृत साहित्य में राष्ट्रवाद और भारतीय राजशास्त्र, दिल्ली विश्वविद्यालयीय पाठयक्रमानुसार, विद्यानिधि प्रकाशन, दिल्ली, 2013, पृष्ठ 276.
• वेदव्याख्यापद्धतय: (संस्कृत में), वेदव्याख्या एवं भाष्यकारों पर मौलिक शोध कार्य, प्रतिभा प्रकाशन, दिल्ली, 2014, पृष्ठ 285, प्राक्कथन- प्रो॰ राधावल्लभ त्रिपाठी.
• संस्कृतसाहित्यानुशीलनम् (संस्कृत में), वेद एवं संस्कृत साहित्य पर मौलिक शोधलेख, विद्यानिधि प्रकाशन, दिल्ली, 2015, पृष्ठ 130.
• भारतीय परम्परा में स्वास्थ्य एवं सुख (हिन्दी, संस्कृत एवं अँग्रेजी में संपादित), Ancient Indian Literary Heritage, Vol. V, Pratibha Prakashan, Delhi, 2016, pp. 332.
• Science and Spirituality in Vedic Tradition (अँग्रेजी में संपादित), Ancient Indian Literary Heritage, Vol. VI, Pratibha Prakashan, Delhi, 2017, pp. 224.
• वैदिक परम्परा में विज्ञान और अध्यात्म (हिन्दी एवं संस्कृत में संपादित), Ancient Indian Literary Heritage, Vol. VII, Pratibha Prakashan, Delhi, 2017, pp. 226..
• जगद्गुरू आदिशंकराचार्य (हिन्दी में जीवनी), साहित्य अकादमी, दिल्ली, 2017, पृष्ठ 100.
• Scientific Aspects of Vedic Knowledge, (हिन्दी, संस्कृत एवं अँग्रेजी में संपादित), Ancient Indian Literary Heritage, Vol. VIII, Pratibha Prakashan, Delhi, 2018, pp. 460.
• ऋग्वैदिक अध्ययन, न्यू भारतीय बुक कार्पोरेशन, दिल्ली, 2018 (Second Edition) पृष्ठ 16+376.

• A History of Vedic Literature (Brief Survey and Study (अँग्रेजी में), वैदिक साहित्य का इतिहास और उसके कुछ चयनित अंशो का अध्ययन, 2021 (First Edition), न्यू भारतीय बुक कार्पोरेशन, दिल्ली, पृष्ठ. 302.
Patanjala-Yoga-Sutram ( Yoga Philosophy of Patanjali ) (अँग्रेजी में), पातंजल योग्सुत्रों का व्यास भाष्य सहित अँग्रेजी में व्याख्या एवं अध्ययन, 2021 (First Edition), न्यू भारतीय बुक कार्पोरेशन, दिल्ली, पृष्ठ. 221.

iii. प्रकाशाधीन पुस्तकें:
• वैदिक साहित्य का इतिहास, हिन्दी में.
• Prana-tattva, स्वामी विष्णु तीर्थ लिखित, इंग्लिश में अनुवाद और व्याख्या.
• Sakti-pat, स्वामी विष्णु तीर्थ लिखित, इंग्लिश में अनुवाद और व्याख्या।

आप महासचिव / अध्यक्ष, वाइडर एसोशिएशन फॉर वैदिक स्टडीस (वेव्स), भारत 1997 से अब तक हैं और
वाइडर एसोशिएशन फॉर वैदिक स्टडीस (वेव्स), भारत की महासचिव / अध्यक्ष के रूप में राष्ट्रीय स्तर के चौबीस सम्मेलनों का भारत में और एक का नेपाल में वर्ष 1997 से आयोजन किया।
इस प्रकार आज महिला दिवस (women’s Day) के अवसर पर ‘चुभन’ आपका दिल से सम्मान करता है।आप साहित्य के जीवन का वह अंश हैं, जहां से आत्म- मंथन की ज्योति प्रज्ज्वलित होती है।इस रोशनी में कुछ मनके चुनने के लिए पॉडकास्ट में आपके ऊपर जो कार्यक्रम है, उसे अवश्य सुनें।

2 thoughts on “अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस विशेष:श्रृंखला-4

  1. Truely charismatic personality. Pride of world intellects and a pillar of sustainable enrichment of sanatana dharma.
    We, as the lovers and learners of richest culture and language, are blessed to have you amongst us as a path finder.
    Your immense knowledge is beyond our reach but your guidance must be our source of understanding lives.
    May God bless you. It’s our prayer to Him.
    Regards to such wonderful woman, full of asthetic energy and spiritual vibes.
    Dr. Dhananjaya Bhanja
    Surat

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