अवस्थी से भिखारी तक

आज देश मे गोवंश की दशा बहुत अच्छी नहीं है।इन बेज़ुबानों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार क्यों ? जबकि गाय इस […]

आज देश मे गोवंश की दशा बहुत अच्छी नहीं है।इन बेज़ुबानों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार क्यों ? जबकि गाय इस देश का धर्मशास्त्र है, कृषि शास्त्र है, अर्थशास्त्र है, नीति शास्त्र है, उद्योग शास्त्र है, समाज शास्त्र है, आरोग्य शास्त्र है, पर्यावरण शास्त्र है और अध्यात्म शास्त्र भी है।

आज हम जिनसे मिलेंगे, वे हैं करुणा, दया और उदारता की प्रतिमूर्ति अखिलेश भिखारी जी।इस कलयुग में, जहां इंसान ही इंसान का दुश्मन बना हुआ है, उसी दौर में आप इंसानों के साथ ही बेजुबानों का दर्द भी बांट रहे हैं।

अखिलेश जी ने अपना उपनाम भिखारी क्यों किया ?इसका भी उन्होंने बड़ा ही रोचक जवाब दिया, हमारे कार्यक्रम में।इन जीवों के प्रति उनकी प्रेम की पराकाष्ठा तो यह है कि इनके आश्रय के लिए जब धन की आवश्यकता हुई तो आपने भिक्षा तक लेकर काम चलाया।तभी आपने स्वयं ही अपने नाम के साथ अवस्थी हटाकर “भिखारी” कर लिया।

आप दो-दो जीवाश्रय चला रहे हैं और दोनों ही अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित हैं, जबकि आपको इस कार्य में कोई भी आर्थिक सहायता किसी सरकारी महकमे से नही मिली।अपनी मेहनत और गोवंश के लिए कुछ करने की जिजीविषा ही, उनके मार्ग बनाती जाती है।किराये के लोडर पर एक बछड़े को लाकर फुटपाथ पर उपचार देने से शुरू हुई यात्रा आज अपने स्थान पर तमाम संसाधनों से सुसज्जित होती जा रही है।

वैसे तो आपके संस्कारों में ही गोवंशियों की सेवा और रक्षा का भाव है परंतु इस यात्रा ने शायद उसी दिन करवट बदली जब एक स्लॉटर हाउस का वीडियो देखकर अखिलेश जी चीख-चीखकर रो पड़े और इन के लिए कुछ कर गुजरने के लिए आप तत्पर हो गए।आपकी सेवा यात्रा पशुओं पर ही केंद्रित हो, ऐसा नही है, वरन पशुवत स्थिति में जो भी दिखा, उसकी ओर आपके कदम स्वतः ही बढ़ गए।

17 दिसंबर को ही इस सेवा संघर्ष-यात्रा के पांच वर्ष पूरे हो गए हैं।इस अवसर पर “चुभन” की तरफ से अखिलेश भिखारी जी और उनकी पूरी टीम को बहुत- बहुत शुभकामनाएं।आप इसी तरह इन गोवंशियों की सेवा में लगे रहें और बहुत सारे लोगों के प्रेरणास्रोत बने रहें, यही ईश्वर से कामना है।

1 thought on “अवस्थी से भिखारी तक”

  1. Anuj Kumar Jaiswal

    बहुत सुंदर वार्ता रही। नए अनुभव से रूबरू हुआ। नए व्यक्तित्व से परिचय!!! प्रेरणा दायक है उनका जीवन जो बेजुबानों के लिए जुबां बन जाते हैं। 🙏🙏

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